सहकारी बोर्ड भर्ती
सहकारी बोर्ड ने 10वीं पास अभ्यर्थियों के लिए 1003 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। यह भर्ती विभिन्न विभागों में की जा रही है, जिसमें महिला और पुरुष दोनों अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको इस भर्ती से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
सहकारी बोर्ड में पदों का विवरण
विभाग का नाम | पदों की संख्या |
---|---|
राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड | 49 |
सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड | 503 |
राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड | 449 |
कुल पद | 1003 |
सहकारी बोर्ड भर्ती महत्वपूर्ण तिथियां
- आवेदन प्रारंभ तिथि: 12 दिसंबर 2024
- आवेदन की अंतिम तिथि: 11 जनवरी 2025
सहकारी बोर्ड भर्ती हेतु आवेदन शुल्क
श्रेणी | आवेदन शुल्क |
---|---|
सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस | ₹1000 |
अनुसूचित जाति/जनजाति | ₹500 |
आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा।
सहकारी बोर्ड भर्ती हेतु आयु सीमा
- न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
- अधिकतम आयु: 40 वर्ष
- आयु की गणना 1 जनवरी 2024 के आधार पर की जाएगी। आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में छूट दी जाएगी।
सहकारी बोर्ड भर्ती हेतु शैक्षणिक योग्यता
इस भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता पदों के अनुसार भिन्न-भिन्न है। विस्तृत जानकारी के लिए अभ्यर्थी आधिकारिक नोटिफिकेशन देख सकते हैं।
सहकारी बोर्ड भर्ती चयन प्रक्रिया
- ऑनलाइन परीक्षा
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
- मेडिकल एग्जामिनेशन
अभ्यर्थियों का चयन उपरोक्त प्रक्रियाओं के आधार पर किया जाएगा।
सहकारी बोर्ड भर्ती हेतु आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और “Apply Online” पर क्लिक करें।
- जानकारी दर्ज करें:
- आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही-सही भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें:
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन शुल्क का भुगतान करें:
- अपनी श्रेणी के अनुसार शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
- फाइनल सबमिट:
- फॉर्म सबमिट करने के बाद आवेदन का प्रिंटआउट निकाल लें।
महत्वपूर्ण लिंक
सहकारी बोर्ड भर्ती
यह भर्ती उन उम्मीदवारों के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। समय पर आवेदन करें !
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सहकारी का मतलब क्या होता है?
सहकारी का अर्थ है सहयोग से कार्य करने वाला। यह एक ऐसी प्रणाली या संगठन को दर्शाता है, जहां लोग सामूहिक रूप से मिलकर किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करते हैं। सहकारी प्रणाली का मुख्य उद्देश्य है सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सदस्यों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करना।
- सहकारी बैंक: जहां लोग मिलकर वित्तीय सेवाओं का प्रबंधन करते हैं।
- सहकारी डेयरी: जैसे अमूल, जहां किसान मिलकर दूध और उसके उत्पादों का उत्पादन और विपणन करते हैं।
- सहकारी विपणन संघ: जहां किसान या अन्य उत्पादक अपने उत्पादों का सामूहिक रूप से विपणन करते हैं।
सहकारी और सरकारी में क्या अंतर है?
सहकारी संगठनों का निर्माण आमतौर पर लोगों के समूह द्वारा किया जाता है, जो किसी विशेष उद्देश्य के लिए मिलकर कार्य करते हैं। सरकारी संस्थान, सेवाएं, या संगठन राज्य या केंद्र सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण में होते हैं।
सहकारिता के अधिकारी कौन होते हैं?
सहकारिता के अधिकारी वे व्यक्ति होते हैं जो सहकारी संगठनों या संस्थानों के संचालन, प्रबंधन और प्रशासन की जिम्मेदारी निभाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य सहकारी संस्थान के उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन सुनिश्चित करना और सदस्यों के हित में कार्य करना होता है। इनमे अधिकारी कुछ चुनकर आते है कुछ सरकार निधारित करते है
सहकारी में कितने सदस्य हो सकते हैं?
किसी सहकारी संगठन में सदस्यों की अधिकतम संख्या पर सामान्यतः कोई सख्त सीमा नहीं होती। सहकारी समिति के गठन के लिए कम से कम 10 सदस्य अनिवार्य होते हैं। यह संख्या राज्य सहकारी अधिनियम (State Cooperative Societies Act) या केंद्रीय अधिनियम (Multi-State Cooperative Societies Act, 2002) के अनुसार हो सकती है। सदस्यों की न्यूनतम संख्या 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों से होनी चाहिए।
सहकारी कंपनी क्या है?
सहकारी कंपनी (Cooperative Company) एक विशेष प्रकार की संगठनात्मक इकाई है, जिसे सामूहिक सहयोग और समानता के सिद्धांतों पर आधारित किया जाता है। इसमें सदस्यों का स्वामित्व होता है, और यह सदस्यों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करती है। सहकारी कंपनियां लाभ कमाने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि सामूहिक कल्याण के लिए कार्य करती हैं।
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